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Ravi News
Wednesday, 9 July 2025, July 09, 2025 WIB
Last Updated 2025-07-10T03:24:35Z

पंडरिया से लगभग 50 किलोमीटर दूर छिंदीडीह वन क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

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 छिंदीडीह वनांचल में बाघ की दस्तक से दहशत, अब तक दो मवेशियों को बनाया शिकार







पंडरिया से लगभग 50 किलोमीटर दूर छिंदीडीह वन क्षेत्र में बाघ की  मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।


हाल के दिनो में क्षेत्र में एक गाय और एक बकरी के किसी वन्य प्राणी द्वारा शिकार किए जाने की घटना सामने आने के बाद क्षेत्रवासियों की दहशत और ज्यादा बढ़ गई है। इस स्थिति में जंगल से सटे गांवों में अब पशु चराने जाना भी खतरे से खाली नहीं रह गया है। छिंदीडीह क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की खबर मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शिकार की जगह से मिले पदचिन्हों की जांच शुरू कर दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बीते दो-तीन रातों से जंगल की तरफ अजीब सी आवाजें सुनी थीं और कुछ लोगों ने किसी बड़े जानवर की हलचल भी देखी थी। एक किसान की गाय और एक अन्य महिला की बकरी को अज्ञात


वन विभाग ने किया मौका मुआयना, की जा रही जांच


वन अमले ने मौके पर पहुंचकर शिकार की गई जगह का निरीक्षण किया और आस-पास मिले पैरों के निशान की जांच कर विशेषज्ञों से पुष्टि कराने की प्रक्रिया शुरू की है। इस मामले पर कवर्धा डीएफओ निखिल अतावाल ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमला बाघ ने किया या तेदार ने, लेकिन दोनों ही स्थितियां संभावित हैं। उन्होंने बताया कि पदचिन्हों के आधार पर जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि शिकार किस जानवर ने किया है।


विभाग ने क्षेत्र में कराई मुनादी, सतर्क रहने की अपील


सावधानी के तौर पर वन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में मुनादी कराई है और लोगों से अपील की गई है कि वे आवश्यक कार्य के बिना जंगल की ओर न जाएं और रात के समय मवेशियों को घर से बाहर न छोड़े। वहीं, वन अमला लगातार गश्त कर रहा है और कैमरा ट्रैप सहित अन्य तकनीकी संसाधनों के माध्यम से निगरानी तेज कर दी गई है। इस घटना ने वनांचल के लोगों को पशु-धन और स्वयं की सुरक्षा को लेकर सतर्क कर दिया है। वहीं, अब प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ वन विभाग पर भी दबाव बढ़ गया है कि जल्द से जल्द हमलावर वन्य प्राणी की पहचान कर उसकी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्र को संभावित खतरे से बचाया जा सके।

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